Top baglamukhi sadhna Secrets



श्रीसांख्यायन-तन्त्रोक्त भगवती बगला के विविध ध्यान

Exclusive great importance of Expert Diksha is to discover to stick to Vedic and Tantric principles and to gain from them by adopting them. The law from the holy initiation ceremony could be the purification of all sins and to eliminate each of the problems.

सत्ये काली च श्रीविद्या, कमला भुवनेश्वरी ।

पर – प्रज्ञापहारीं तां, पर – गर्व – प्रभेदिनीम् ।

उक्त’कवच’ के पाठ से’ अपुत्र को ‘पुत्र’, ‘निर्धन’ को ‘धन’ और ‘उद्योगी/साहसी’ को १००

श्रीबगला शिव-प्राण-प्रद कवच’एक-वीरा तन्त्र’ में सङ्कलित भगवती बगला का उक्त ‘कवच’ तीन बातों मेंअपनी विशेषता रखता है।प्रथम तो यह कि यदि कोई शत्रुओं से घिर जाए, अथवा धन या पराक्रम से गर्वित व्यक्तियोंद्वारा सताया जाए, अथवा हाथी, सॉंप आादि जन्तुओं का भय हो, तो उनके ‘स्तम्भन’ में यह कवचउपयोगी होता है।दूसरे यह कि इसके ‘पूर्व-पीठिका’-भाग से यह स्पष्ट है कि कृत-युग में एक भयङ्कर वात-क्षोभ उपस्थित हुआ, जिससे सातों समुद्र एक हो गए और देवता भी भयभीत हो उठे। इन्द्र, विष्णुआदि सभी शङ्कर जी के शरणागत हुए। उस समय स्वयं शिव जी ने सभी भयों को दूर करनेवालायह ‘कवच’ देवों को प्रदान किया।तीसरे भस्मासुर के त्रास से इसी कवच द्वारा श्री शिव जी ने अपनी रक्षा की थी। यही कारणहै कि इस ‘कवच’ को ‘शिव-प्राण-प्रद’ कहा गया है।-सम्पादक।। पूर्व-पीठिका-श्रीमहोग्र-तारा उवाच ।राज्ञां मण्डल-गामीनां, प्रबलारिषु सर्पताम् । स-गर्वाणां महा-देव!, धन- विक्रम-चेतसाम् ।।गज-सर्पादि-जन्तूनां, स्तम्भनं वद शङ्कर!॥ श्रीभैरव उवाच ।।पुरा कृत-युगे देवि!, वात-क्षोभमुपस्थिते । सप्तार्णवानामेकत्वं, गतं क्षोभं ययुः सुराः ।।सेन्द्रा स-विष्णवः सर्वे, सामयं१ सायुषः स्थिताः ।।।। देवा उचुः ।।शिव शङ्कर, रुद्रेश!

स्वर्ण-सिंहासनासीनां, सुन्दराङ्गीं शुचि-स्मिताम् ।

पहले ‘ ध्यान’ करे। फिर शरीर के अङ्गों में मन्त्रों का ‘न्यास’ अर्थात् स्थापन करे। यथा– चतुर्भुजां त्रि-नयनां, कमलासन-संस्थिताम् । त्रिशुलं पान-पात्रं च, गदां जिह्वां च बिभ्रतीम् ।।

९. श्रीभ्रामिकायै नमः दुष्ट-शक्तियों को उलझानेवाली को नमस्कार।

विनियोग- ॐ अस्य श्रीबगला-गायत्री-मन्त्रस्य ब्रह्मा ऋषिः read more , गायत्री छन्दः, श्रीचिन्मयी शक्ति-रूपिणी-ब्रह्मास्त्र-बगला देवता, ॐ बीजं, ह्लीं शक्ति:, विद्महे कीलकं, श्रीब्रह्मास्त्र- बगलाम्बा-प्रीत्यर्थे जपे विनियोगः ।

भ्राम्यद्-गदां कर-निपीडित-वैरि-जिह्वाम् । पीताम्बरां कनक-माल्य-वतीं नमामि ।।

Baglamukhi Puja is a powerful Hindu ritual that is known for being remarkably helpful in removing obstacles and

श्रीबगला को त्रि-शक्ति-रूप में माना गया है-

को नमस्कार। अथवा पीले वस्त्रवाली देवी को नमस्कार। बगला-मुखी-शत्रु-विनाशक-कवचम्

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